मेहनत की कमाई – Mehnat ki Kamayi
मेहनत की कमाई – Mehnat ki Kamayi- सोनू एक आलसी लड़का था। वह अपना समय यूँ ही आवारागदी करने में व्यतीत करता था। इस कारण वह हमेशा कार्य करने से जी चुराता था। एक दिन उसे पैसों से भरा एक थैला मिला।
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मेहनत की कमाई – Mehnat ki Kamayi- सोनू एक आलसी लड़का था। वह अपना समय यूँ ही आवारागदी करने में व्यतीत करता था। इस कारण वह हमेशा कार्य करने से जी चुराता था। एक दिन उसे पैसों से भरा एक थैला मिला।
चौकीदार कुत्ता – Chowkidar Kutta- एक किसान के पास भेड़ों का एक झुंड था। किसान अपनी भेड़ों को एक भेड़िए से बचाने का बड़ा प्रयास करता, लेकिन असफल रहता। भेड़िया सिर्फ एक भेड़ को छोड़कर अब तक उसकी सारी भेड़ों को खा चुका था।
दिवास्वप्न – Divaswapna- एक प्रसिद्ध ज्योतिषी था। वह हमेशा सूर्य-चन्द्रमा.ग्रह-नक्षत्रों की दशा देखकर लोगों का भविष्य बताने में व्यस्त रहता था। कभी-कभी तो वह चलते हुए भी आकाश को देखने में इतना व्यस्त रहता कि उसे होश ही नहीं रहता था कि उसके कदम कहाँ पड़ रहे हैं।
चालाक चिड़िया – Chalak Chidiyan- एक व्यक्ति ने अपने पालतु चिड़ियों के लिए एक बड़ा-सा पिंजड़़ा बनाया उस पिंजरे के अंदर चिड़िया आराम से रह सकती थीं। वह व्यक्ति प्रतिदिन उन चिड़ियों को ताजा पानी और दाना देता।
जादुई बर्तन – Jadui Bartan- एक दिन एक किसान एवं उसकी पत्नी खेत जोतकर उसमें बीज बो रहे थे जब वे खेत में हल चला रहे थे. तभी हल से कुछ टकराया। उन्होंने देखा तो वह ताँबे का एक बड़ा-सा खाली बर्तन था।
बेवकूफ भेड़िया – Bewakoof Bhediya- एक दिन एक छोटा मेमना जंगल के किनारे स्थित चरागाह में चर रहा था। अचानक एक भेड़िए की निगाह उस पर पड़ी। वह उसे देखकर सोचने लगा, ‘वाह! आज तो ठीक भोजन के समय ही मुझे मेरा शिकार मिल गया।
भेड़िए की योजना – Bhediye ki Yojna- एक बार पूरे देश में सूखा पड़ गया। बारिश के अभाव में सभी नदी-नाले सख गए। कहीं पर भी अन्न का एक दाना नहीं उपजा। बहुत से जानवर भूख और प्यास से मर गए। पास ही के जंगल में एक भेड़िया रहता था।
चतुर अर्जुन – Chatur Arjun- एक दिन अर्जुन और उसका छोटा भाई करण दोनों घर में अकेले थे। उनके पिताजी एक पुलिस अधिकारी थे। वे एक लाल रंग की फाइल घर लाए थे। उसमें सभी कुख्यात आतंकवादियों के बारे में जानकारी थी।
बढ़ई और लोहार – Badhi aur Lohar- चंदनपुर गांव में एक बढ़ई रहता था , गावं में सही काम न मिलने के कारन वह अपने गावं से कुछ दूर एक सेठ जी के यहाँ काम करता था | वह अपनी आरी से ही काम करता था ,
बीरबल और तीन गुडि़यां – Birbal aur Teen Gudiya- एक बार एक कलाकार तीन सुन्दर गुडि़यों को लेकर बादशाह अकबर (Akbar) के दरबार में आया। ये गुडि़यां बिल्कुल एक समान थी। उनमें इतनी समानता थी कि उनके बीच अंतर करना बहुत मुश्किल था। अकबर (Akbar) को गुडि़यां बहुत प्यारी लगी।