एक प्रसिद्ध ज्योतिषी था। वह हमेशा सूर्य-चन्द्रमा.ग्रह-नक्षत्रों की दशा देखकर लोगों का भविष्य बताने में व्यस्त रहता था। कभी-कभी तो वह चलते हुए भी आकाश को देखने में इतना व्यस्त रहता कि उसे होश ही नहीं रहता था कि उसके कदम कहाँ पड़ रहे हैं।
एक दिन वह अन्य दिनों की तरह आकाश को देखता हुआ चला जा रहा था। उसे रास्ते में पड़ा एक बड़ा पत्थर नहीं दिखा। उसे जोर की ठोकर लगी और वह कंटीली झाड़ियों में जा गिरा।
कुछ राहगीरों ने उठने में उसकी सहायता की। उन्होंने ज्योतिषी से पूछा, “तुम इन कंटीली झाड़ियों में कैसे गिर गए?” तब ज्योतिषी ने उन्हें पूरा घटनाक्रम सुना दिया। उनमें से एक राहगीर बोला,

“तुम भविष्यवाणी करते हो, किंतु तुम्हारी आँखों के सामने क्या है, ये तुम्हें दिखाई नहीं देता, ये बड़े आश्चर्य की बात है। तुम्हें सपनों की दुनिया से बाहर निकलकर वास्तविक दुनिया में जीना चाहिए।”
यह सुनकर ज्योतिषी को बड़ी शर्म महसूस हुई और उसने ये सबक पूरी जिदगी याद रखा।
यह भी पढ़े:- चालाक चिड़िया – Chalak Chidiyan
Leave a Reply